ओटावा – कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने देश में विदेशी छात्रों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता जताई है। कनाडा के इमीग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने छात्र वीज़ा पर आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों द्वारा शरण मांगने की बढ़ती प्रवृत्ति को चिंताजनक बताया है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश आम चुनावों की ओर बढ़ रहा है, और आवास की कमी व रोजगार संकट जैसे मुद्दे प्रमुख बन रहे हैं।
हाल ही के एक कार्यक्रम में, मिलर ने कहा, “कई अंतरराष्ट्रीय छात्र कनाडा में छात्र वीज़ा पर आते हैं, लेकिन अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे शरण के लिए आवेदन करते हैं।
यह प्रवृत्ति चिंताजनक है क्योंकि इससे हमारे इमिग्रेशन सिस्टम पर दबाव बढ़ता है।” उन्होंने कहा कि कनाडा के छात्र वीज़ा सिस्टम का दुरुपयोग हो रहा है और उनके मंत्रालय द्वारा इस मामले की गंभीर जांच की जा रही है।
मिलर ने कनाडा के उच्च शिक्षा संस्थानों से भी अपने प्रक्रियाओं में सुधार करने का आग्रह किया, ताकि छात्र वीज़ा का गलत इस्तेमाल कर स्थायी रूप से बसने की कोशिश को रोका जा सके।
विदेशी छात्रों की संख्या कम करने के लिए नए कदम
कनाडा सरकार ने अगले तीन वर्षों में अस्थायी निवासियों, जिसमें अंतरराष्ट्रीय छात्र भी शामिल हैं, की संख्या को 6.2% से घटाकर 5% करने का लक्ष्य तय किया है।
इसी साल की शुरुआत में, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर दो साल की सीमा तय करने की घोषणा की थी, जिसके तहत 2024 में केवल 364,000 स्टडी परमिट जारी किए जाएंगे। यह संख्या 2023 में जारी किए गए 560,000 परमिट से 35% कम है।
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इमीग्रेशन मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि 2025 में स्टडी परमिट की संख्या में 10% की और कमी की जाएगी। ये कदम कनाडा में आवास की कमी और रोजगार के संकट का समाधान करने के लिए उठाए जा रहे हैं, जिसके लिए अक्सर अंतरराष्ट्रीय छात्रों और प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे बड़ी संख्या भारत, चीन, फिलीपींस और नाइजीरिया से आती है। ये छात्र कनाडा की शिक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा हैं, लेकिन नए नियमों के साथ उनके दीर्घकालिक निवास पर सख्त नियंत्रण लगाया जा रहा है।