नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत, 25 साल तक सेवा करने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी पेंशन प्रदान की जाएगी।

यह योजना सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू होगी। इस योजना के तहत पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था भी की गई है, जिसमें कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को 60% पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा, यदि कोई कर्मचारी यूपीएस के तहत कम से कम 10 साल तक काम करता है, तो उसे 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी।

यूनिफाइड पेंशन योजना के लाभ और उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी

केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस नए फैसले की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दी है।

यह योजना सुनिश्चित पेंशन प्रदान करने के उद्देश्य से लाई गई है। इस योजना का पहला चरण 50% निश्चित पेंशन है, जिससे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद आय की सुरक्षा प्राप्त होगी।

उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना का दूसरा चरण पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था है, जिससे कर्मचारियों के परिवारों को भी आय का भरोसा मिलेगा।”

विरोधी पार्टियों की राजनीति और डॉ. सोमनाथ कमेटी का योगदान

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने इस योजना के संदर्भ में कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियाँ पुरानी पेंशन योजना को लेकर केवल राजनीति कर रही हैं।”

उन्होंने बताया कि विभिन्न देशों की पेंशन योजनाओं का अध्ययन करने और सभी हितधारकों से सलाह-मशविरा करने के बाद, डॉ. सोमनाथ कमेटी ने यूनिफाइड पेंशन योजना का सुझाव दिया।

इस योजना को लागू करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दे दी है। वैष्णव ने यह भी बताया कि यूपीएस के तहत पेंशनर्स को सेवानिवृत्ति के बाद पहले 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाएगा।

पुरानी पेंशन योजना के मुकाबले नई योजना की विशेषताएं

गौरतलब है कि देशभर के सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने की मांग कर रहे थे। उनकी इन मांगों को देखते हुए एनडीए सरकार ने नई यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) को शुरू करने की घोषणा की है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान यूनिफाइड पेंशन योजना पर सहमति बनी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को निश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन, और न्यूनतम पेंशन प्रदान करना है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।