चंडीगढ़ – पंजाब के मलेरकोटला में इस समय सरकार और किसानों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। पंजाब सरकार जम्मू-कटरा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए किसानों से ज़मीन खाली कराना चाहती है, जबकि किसान बिना बातचीत के अपनी ज़मीन केंद्र सरकार को नहीं देना चाहते।
इस स्थिति ने किसानों और सरकार को आमने-सामने ला दिया है, और मलेरकोटला की धरती एक युद्ध का मैदान बनने के लिए तैयार हो रही है।
मलेरकोटला में जम्मू-कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों ने ज़मीन देने से इंकार कर दिया है, जबकि पंजाब सरकार सड़क निर्माण के लिए केंद्र को किसानों की ज़मीन दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस समय मलेरकोटला में युद्ध जैसी स्थिति देखने को मिल रही है। अपनी मांगों को लेकर कई किसान अपनी ज़मीन के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और सड़क के लिए ज़मीन का अधिग्रहण होने से मना कर रहे हैं।
इस संदर्भ में, पुलिस ने ज़मीन के कब्जे को छुड़ाने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप किसानों और पुलिस के बीच ज़बरदस्त झड़प हो गई।
प्रशासन ने मलेरकोटला के कई गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया था, जिसे लेकर भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के सदस्यों ने बुधवार को रोष प्रदर्शन किया।
इस दौरान किसानों ने पुलिस के बैरिकेड्स को हटा दिया और झड़प जारी रही। पुलिस और किसानों के बीच लाठियां चलीं, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल बढ़ा दिया गया और किसानों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस मामले को ध्यान में रखते हुए बुधवार देर शाम दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक होने जा रही है, जिसमें NHAI और पंजाब सरकार के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। इस बैठक में जम्मू-कटरा एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
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