ओटावा: कनाडा के कई शहरों में हजारों छात्र हाल ही में सरकार द्वारा लिए गए एक नए फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। सरकार ने हाल ही में छात्र वीजा और काम के नियमों में कई बदलाव किए हैं, जिन्हें छात्र समुदाय ने अपने भविष्य के लिए हानिकारक और अनुचित बताया है।
छात्रों के अनुसार, ये बदलाव उनकी पढ़ाई और रोजगार के अवसरों को सीमित कर देंगे, जिससे उनकी आर्थिक समस्याएं और बढ़ जाएंगी।
इस नई नीति के तहत, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए काम करने के घंटे कम कर दिए हैं और ट्यूशन फीस में वृद्धि की है। इन नई पाबंदियों ने छात्रों को मुश्किल हालात में डाल दिया है, जिससे उनके लिए अपनी पढ़ाई जारी रखना और खर्चों का प्रबंधन करना मुश्किल हो गया है।
विरोध कर रहे छात्र अपने अधिकारों के लिए जोर-शोर से आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना है कि नए नियमों से उनकी आय के साधन सीमित हो जाएंगे जबकि उनके खर्चे बढ़ते जा रहे हैं।
एक छात्र ने कहा, “हमें बढ़ी हुई फीस और काम के कम अवसरों के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ये फैसले हमारे सपनों पर सीधा हमला हैं।”
विरोध की इस लहर के चलते कई शहरों में यातायात बाधित हो गया और जनजीवन प्रभावित हुआ। छात्रों के विरोध को समर्थन देने के लिए कई स्थानीय और राजनीतिक नेता भी आगे आए हैं।
कुछ नेताओं का कहना है कि यह फैसला न सिर्फ छात्रों के लिए बल्कि कनाडा के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए भी नुकसानदेह होगा, क्योंकि यह छात्रों के नामांकन को प्रभावित कर सकता है।
सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विरोध कर रहे छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपना संघर्ष और तेज करेंगे। छात्रों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपने अधिकारों की मांग जारी रखेंगे और सरकार को फैसला वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे।
कनाडा के विभिन्न हिस्सों में स्थिति गंभीर बनी हुई है और छात्रों का विरोध अभी भी जारी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले कुछ दिनों में सरकार क्या कदम उठाती है और क्या विरोध कर रहे छात्रों की मांगें मानी जाती हैं या नहीं।
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