ओटावा – कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की नई इमिग्रेशन नीतियों की घोषणा ने कनाडा में एक अहम मुद्दा उठाया है। ये नीतियां विदेशी छात्रों पर बहुत बुरा असर डाल रही हैं, जिन्हें अब पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

नई नीतियों के अनुसार, विदेशी छात्रों को कनाडा में कम वेतन वाली नौकरियों के लिए नकद राशि मिल सकती है। इसे पूरा करना मुश्किल होगा। ट्रूडो की सरकार ने घोषणा की है कि अब केवल कनाडा के युवा ही कम वेतन वाली नौकरियों में काम कर सकते हैं। केवल रखे जाएंगे। इसके अलावा, आगमन के लिए ऑफ़र की सीमा तय की जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप कई छात्रों को काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

ये नीतियां छात्रों के बीच गुस्से का कारण बन गई हैं। विदेशी छात्र, जो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ छोटे-मोटे काम करके अपना जीवन यापन करते हैं, अब इन नौकरियों के बिना वे मुश्किल में हैं। इसके कारण छात्रों ने कनाडा के अलग-अलग प्रांतों में विरोध अभियान शुरू किया है। कई शहरों में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं और अपने अधिकारों की बात कह रहे हैं।

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पिछले तीन प्रिंस एडवर्ड आइलैंड में भी पिछले कुछ महीनों में इमिग्रेशन नीतियों में बदलाव हुआ है। यहां के छात्र अपनी आवाज उठा रहे हैं और विधानसभा के सामने टेंट लगा रहे हैं। इस स्थिति को लेकर यूथ सपोर्ट नेटवर्क ने चेतावनी दी है कि इस साल के अंत तक छात्रों का काम नहीं चल पाएगा। उनके परमिट की अवधि समाप्त हो सकती है और उन्हें देश छोड़ना पड़ सकता है।

कनाडा के राज्यों ने स्थायी निवास के लिए आवेदनों का कोटा 25 प्रतिशत कम कर दिया है, जिससे छात्रों को इस प्रक्रिया में स्थायी निवास के लिए अतिरिक्त बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

यह भी चिंता का विषय बन गया है कि सरकार के नए नियम कनाडा में पढ़ रहे छात्रों को प्रभावित कर रहे हैं।वे दीर्घकालिक योजना के लिए प्रेरणा दिखाने के बजाय बाधाएं पैदा कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि यह कदम घरेलू बाजार में बेहतर आवास उपलब्धता और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करेगा।

ये चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं। इस साल केवल 3,60,000 ‘स्टडी परमिट’ की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले साल की तुलना में कम मंजूरी दी जाएगी।

यह पूरा मामला देश में चर्चा का विषय बन गया है, इसे ध्यान में रखते हुए कनाडा में छात्रों की चिंताओं और मांगों को बेहतर ढंग से समझने की जरूरत है।